साक्षात्कार : आत्मविश्वास और विश्लेषण की प्रक्रिया
Interview : Process of Analysis and Confidence
Interview : Process of Analysis and Confidence
( साक्षात्कार हेतु महत्वपूर्ण
टिप्स )
प्रोफ़ेसर (डा.) रामलखन मीना, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय,अजमेर(राजस्थान)
साक्षात्कार व्यक्तित्व परीक्षा
की संपूर्ण प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है क्योंकि सिर्फ आधे घंटे में ही
आपको अपनी योग्यता साबित करनी होती है और यह समय आपको दोबारा नहीं मिलता. एक जवाब अगले
पूछे जाने वाले प्रश्नों की दिशा बदल सकता है और एक जवाब इंटरव्यू पैनल की आपके बारे
में धारणा को भी, इसलिए साक्षात्कार में बोले गए हर एक शब्द का बहुत महत्व होता है.
सबसे पहले उम्मीदवारों को यह समझना होगा कि साक्षात्कार वह चरण है जहां इस नौकरी के
लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति का ही चयन किया जाता है. इसका मतलब यह नहीं है कि साक्षात्कार
सिर्फ लोगों को असफल करने के लिए होता है.
साक्षात्कार-बोर्ड में बैठने वाले सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ होने के साथ ही साक्षात्कार लेने के प्रति अत्यंत
गंभीर होते हैं। वे प्रत्याशियों को परेशान कर उलझाने के स्वाभाविक तरीके से बातचीत
के लहजे में साक्षात्कार लेते हैं। उनका उद्देश्य प्रत्याशियों की प्रतिक्रया,
व्यवहार, आत्वविश्वास, दृढ़
निश्चयता, सकारात्मकता, नकारात्मकता,
अभिरुचि, निर्णय लेने की क्षमता, उसकी पृष्ठभूमि आदि का आकलन होता है। वे टालमटोल कर भ्रामक जवाब के बजाय ईमानदारीपूर्वक
प्रत्याशियों द्वारा प्रश्न के उत्तर न जानने के जवाब को ज्यादा तरजीह देते हैं,
क्योंकि उन्हें भी पता होता है कि कोई भी व्यक्ति सर्वज्ञाता नहीं होता
है।
किसी भी साक्षात्कार में आपके सामान्य ज्ञान के साथ साथ
आपके आत्मविश्वास को भी परखा जाता है. इसलिए साक्षात्कार के लिए हमेशा नियमित
तैयारी रखे। यह कार्य आप सामान्य ज्ञान की मासिक पत्रिकाओ व विषय से सम्बंधित
पुस्तकों के नियमित अध्यन द्वारा कर सकते है. आत्मविश्वास बनायें रखे और सवालों को
ध्यान से सुनें अगर प्रश्न समझ में न आये तो विनम्रता से सवाल दोहराने का निवेदन
कर सकते है. ज्यादा स्मार्ट या चालक बनाने का प्रयास कदापि न करें। साक्षात्कार के
दौरान उत्तर देते समय आत्मविश्वास तथा निश्चित दृष्टिकोण सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता
है। यदि प्रश्न का विश्लेषण कर तर्कपूर्ण जवाब दिए जाएँ तो साक्षात्कार लेने वाला निश्चित
ही प्रभावित होता है। हाँ, इसके लिए ज्यादा ज्ञान बघारने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि
आपके ज्ञान के प्रमाण स्वरूप मुख्य परीक्षा के प्राप्तांकों की सूची उनके पास पहले
ही उपलब्ध होती है। साक्षात्कार में बड़बोलेपन की बजाय मितभाषी प्रत्याशी के चयन की
संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि वह साक्षात्कार हेतु निर्धारित
15-20 मिनट में साक्षात्कार लेने वालों के ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों
के जवाब देकर उन्हें संतुष्ट कर सकता है। साक्षात्कार के समय केवल विषयगत ज्ञान की
जानकारी नहीं ली जाती। अपने प्रदेश, उसके राजनीतिक, सामाजिक, भौगोलिक स्थिति की जानकारी ज्यादा से ज्यादा
होनी चाहिए तथा समसामयिक विषयों की जानकारी के साथ-साथ समस्याओं
के समाधान की भी जानकारी यथेष्ठ मानी जाती है। साक्षात्कार के लिए बौद्धिक ज्ञान जितना
आवश्यक है, उतना ही व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है, क्योंकि सिविल सेवा से जुड़े सभी पद लोकहित तथा जनसंपर्क के अंतर्गत आते हैं।
साक्षात्कार में सफलता हासिल करने का वैसे तो कोई निश्चित
फार्मूला नहीं है लेकिन मनुष्य निम्न सात नियमों को अपनाकर कामयाबी के शिखर को छू
सकता है। जीवन की लम्बाई नहीं गहराई मायने रखती है, कामयाबी हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य,
ऊर्जा, मानसिक स्थिरता, अच्छा
बनने की समझ और मानसिक शांति आवश्यक है। गलतियाँ करने में बीताया गया जीवन ना
सिर्फ अधिक सम्मानीय है , बल्कि बिना कुछ किये बीताये गए
जीवन से अधिक उपयोगी भी है. सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति में
विशुद्ध सामर्थ्य,उद्देश्य
और इच्छा, अनासक्ति और आत्मानुशासन का होना आवश्यक है। सभी समझदारी इसमें है की आप
अपनी योग्यता से साक्षात्कार को अपने मुताबित मोड़ सकें और ऐसा निम्नांकित तथ्यों
पर मजबूत पकड़ से संभव हो सकता है -
1)
हिम्मत: हिम्मत बनाये रखे. सवाल पे सवाल दागे
जायेंगे पर डरे नहीं ये सब आपकी योग्यता का परीक्षण मात्र है।
2)
सहजता और स्पष्टता: सवाल के जवाब में ज्यादा जल्दबाजी न
दिखाएँ. पुरे साक्षात्कार पेनल से सामंजस्य बनाते हुए बड़ी सहजता और स्पष्टता से
सवालों के जवाब दे। अगर उतर देने में कोई गलती हो जाये तो गलती स्वीकार करें।
3)
भाव और निगाह: कुर्सी पर सावधान मुद्रा में बैठे, हाथ मेज पर रखे, सवाल पूछने वाले सदस्य की और ध्यान करके उतर दे। साक्षात्कार देने के समय
भाषिक और आँगिक हाव-भाव पर नियंत्रण रखना बहुत ही जरूरी है यानि आपकी जबान के साथ
आपके भाव और ऑंखें भी आपके जवाबों का समर्थन करे।
4)
भाषा: जिस भाषा में आपकी अच्छी पकड़ है जवाब उसी भाषा में दिया
जाना चाहिए. अगर आपके हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ पर पकड़ है तो ध्यान रहे की
प्रश्न की भाषा के अनुरूप उसी भाषा में जवाब दें।
5)
सकारात्मक: मन से सारी बेकार की धारणाएं निकाल दे। प्रतिस्पर्धा जरूर
है पर आप चयनित नहीं होंगे ये गलत धारणा है अपने आपको किसी से कम न समझे।
6)
विवेक: कई बार आपके मन में एक सवाल के कई जवाब घूमते है ऐसी अवस्था
में विवेक से काम लें और प्रश्न का सबसे करीबी जवाब दे।
साक्षात्कार यानि इंटरव्यू आज किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी
सफलता का पैमाना बन गया है। एक कम पढा लिखा व्यक्ति भी अगर अच्छा इंटरव्यू दे तो
वह अपनी इस क्वालिटी के जरिए उससे ज्यादा पढे लिखे व्यक्ति को मात दे सकता है।
जैसा कि इंटरव्यू नाम से ही स्पष्ट हो रहा है इंटरव्यू यानि किसी काम के उददेश्य
हेतु रखे जाने वाले व्यक्ति का उस काम के प्रति या समाज के प्रति अपने आंतरिक
विचार। अर्थात जिस व्यक्ति को जिस काम के लिए बुलाया गया है उस व्यक्ति का उस काम
के प्रति आंतरिक विचार जानने की कार्यशैली को इंटरव्यू या साक्षात्कार कहा जाता
है।
साक्षात्कार की कार्यशैली
अलग-अलग विषयों और उददेश्य के अनुरूप भिन्न-भिन्न हो सकती है जिन्हे हम इस तरह से परिभाषित
कर सकते हैं। साक्षात्कार के प्रकार निम्नांकित
हैं -
1)
पर्सनेलिटी इंटरव्यू-इस तरह के साक्षात्कार में किसी
सेलिब्रिटी, लोकप्रिय नेता, प्रसिद्ध व्यक्ति शामिल होते हैं। इसमें किसी नौकरी,
पेशा की बजाय उसके लाइफ स्टाइल से जुडे सवाल शामिल होते हैं।
2)
स्पेशलिस्ट इंटरव्यूः इस तरह के साक्षात्कार में किसी एक
पेशे में माहिर व्यक्ति का उसके विषय के अनुरूप ही साक्षात्कार लिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर किसी डाक्टर या वकील से लिया जाने वाला साक्षात्कार
3)
जनरल इंटरव्यूः इस तरह के साक्षात्कार में जनता जनार्दन
शामिल होती है। इस इंटरव्यू का कोई इंटरव्यू देने वाले से खास उददेश्य नहीं होता,
बस किसी विषय पर एक कोरम पूरा करने के लिए विचार लिया जाता है। आमतौर पर महंगाई,
बेरोजगारी जैसे विषयों पर आमलोगों से लिए जाने वाले विचार।
4)
सबजेक्टिव इंटरव्यूः इस तरह के साक्षात्कार में किसी एक
विषय पर उसके आंतरिक विचार जाने जाते है। नौकरी या एडमिशन के वक्त हो रहे
साक्षात्कार इस श्रेणी में आते हैं। डाक्टर को चैकअप करवाते समय उसके द्वारा पूछे
गए सवाल भी इस तरह की श्रेणी में आते है।
5)
पैनल इंटरव्यूः इस इंटरव्यू में किसी एक विषय पर एक समूह
यानि पैनल जिसमें 5-7 लोग शामिल हो, अपने विचार रखते हैं। आमतौर पर किसी समाचार
चैनल में किसी एक विषय पर हो रही 5-6 लोगों की बहस इस इंटरव्यू की श्रेणी में रख
सकते हैं ।
6)
रिसर्च इंटरव्यूः इस इंटरव्यू के प्रकार में किसी एक विषय
पर किसी विशेष व्यक्ति या कई व्यक्तियों से जिनका पूरा विवरण भी लिया जाता है
सुबुत के तौर पर, से राय जानी जाती है जिसके बाद कोई निष्कर्ष निकाला जाता है।
इसके तहत किसी एक विषय पर कोई विशेष व्यक्ति द्वारा जारी रिपोर्ट से संबंधित
साक्षात्कार लिया जाता है। सर्वे भी इस का उदाहरण है।
7)
रिटेक इंटरव्यूः इस तरह के इंटरव्यू में किसी एक ही व्यक्ति
से एक ही विषय पर उसके सफलता/असफलता, कार्य में विकास आदि के बारे में पूछा जाता
है। किसी एक अभिनेता से उसकी फिल्म के निर्माण के दौरान से लेकर रिलीज के
काफी दिनों बाद तक लिया जाने वाला बार-बार इंटरव्यू इसका उदाहरण है।
8)
पर्सनल इंटरव्यूः पर्सनल इंटरव्यू में दो व्यक्तियों की
आपसी बातचीत हो सकती है। इसका उददेश्य आपसी दोनों के बारे में जानना होता है। एक
व्यक्ति की दूसरे से उसका नाम, योग्यता, परिवार आदि के बारे में पूछना इस इंटरव्यू
का उदाहरण है।
महत्वपूर्ण
टिप्स
»
उम्मीदवारों को जमा कराए गए अपने व्यक्तिगत विवरण पर काम
करना चाहिए ।
»
उम्मीदवारों को अपने निवास वाले स्थान,शहर औऱ राज्य के हरएक
पहलू का पता होना चाहिए ।
»
उम्मीदवारों ने जिस स्कूल में पढ़ाई की है उसके बारे में
उन्हें हर महत्वपूर्ण जानकारी का पता होना चाहिए ।
»
उम्मीदवारों को अपने निवास राज्य या शहर के किसी प्रख्यात
स्थल के बारे में भी गहरी जानकारी होनी चाहिए ।
»
साक्षात्कार के पहले उस संगठन के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त
करें. संगठन की वर्तमान में क्या योजनाये है. उसका क्या उद्देश्य है. उसका क्या इतिहास रहा है.
»
साक्षात्कार में
प्रत्याशी की योग्यताओं
तथा बुध्दिमत्ता को
परखने के लिए
प्राय: वर्तमान हलचलें
व खबरें, सामान्य
ज्ञान, प्रदान किये
जाने वाले जाब
आदि के सम्बन्ध
में प्रश्न पूछे
जाते हैं।
»
जिस संस्था
में आप साक्षात्कार
देने जा रहे
हैं उसके विषय
में अधिक से
अधिक जानकारी प्राप्त
करने का प्रयास
करें। उनके वेबसाइट,
समाचार पत्र आदि
से संस्था का
उद्देश्य, क्रिया-कलाप
आदि के विषय
में ज्ञान प्राप्त
करने की कोशिश
करें।
»
'जाब' के
विषय में जानें।
जिस जाब के
लिये आपने आवेदन
किया है उसके
विषय में अधिक
से अधिक जानकारी
प्राप्त करें। महत्वपूर्ण
समाचारों पर ध्यान
रखें।
»
उम्मीदवारों को व्यक्तिगत विवरण में दिए गए अपने शौक और
रूचियों के बारे में गहन जानकारी होनी चाहिए।
»
उम्मीदवारों को अपने माता– पिता के पेशे और उद्योग की
पृष्ठभूमि का भी पता होना चाहिए।
»
उम्मीदावरों को हर स्थिति में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना
चाहिए।
»
उम्मीदवार अपने दोस्तों या वरिष्ठों के साथ साक्षात्कार का
अभ्यास कर सकते हैं।
»
उम्मीदवार सरकारी तंत्र में रोजाना पैदा होने वाली समस्याओं
की सूची भी बना सकते हैं।
»
उम्मीदवारों को भारत की बुनियादी संघीय ढांचे का पता होना
चाहिए।
»
न्यायिक सक्रियता में वृद्धि ने जनता के मन में न्यायपालिका
की धारणा को बदला है। इसलिए न्यायित सक्रियता संबंधी सवालों को भी उम्मीदावर तैयार
कर सकते हैं।
»
हाल की घटनाओं और उनकी पृष्ठभूमि का अच्छी जानकारी होनी
चाहिए क्योंकि बोर्ड के सदस्य तथ्य और उस घटना में छिपे नीतिगत बिन्दुओं के बारे
में पूछ सकते हैं।
»
उम्मीदवारों को महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और उसकी
पृष्ठभूमि की भी जानकारी रखनी चाहिए। कई बार ऐसी घटनाओं के बारे में पूछ
दिया जाता है जो बाद में अंतरराष्ट्रीय घटना बन जाती है।
»
उम्मीदवारों को अपने अध्ययन विषयों में हालिया घटनाओं, अपने वैकल्पिक विषयों
की मूल अवधारणा मुंहजबानी की जानकारी होनी चाहिए।
»
वर्तमान हलचलों
तथा महत्वपूर्ण समाचारों
से स्वयं को
अवगत कराते रहें।
न्यूज चैनल देखें
तथा समाचार पत्र
पढ़े। सामान्य ज्ञान
बढ़ाएं। विशेष करके
अपने नगर, प्रदेश
और देश के
विषय में सामान्य
ज्ञान बढ़ाने का
प्रयास करें। मन
से जो घबराहट
और अनजान भय
है उसे निकालने
का प्रयास करें।
»
स्वयं में
आत्म-शक्ति उत्पन्न
करें। साक्षात्कार के
लिये सादे तथा
साफ-सुथरे
वस्त्रों में जायें।
प्रश्नों का उत्तर
संयत होकर दें।
संक्षिप्त में सारगर्भित
उत्तर दें। उत्तरों
को अनावश्यक रूप
से लंबा करने
से बचें।
»
अपने
उत्तरों में अपनी
योग्यताओं तथा बुध्दिमत्ता
को झलकाने का
प्रयास करें।इन जानकारियों के साथ आप साक्षात्कार में
और अधिक सहज महसूस करेंगे.
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