ONLINE Pageviewers

Monday 27 April 2020

आरएएस परीक्षा : सही मार्गदर्शन और दिशा / आपके सवाल : द ड्रीमलैंड एकेडेमी के जवाब


आरएएस परीक्षा : सही मार्गदर्शन और दिशा 

आपके सवाल : द ड्रीमलैंड एकेडेमी के जवाब

राजस्थान में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है केवल उन्हें सही मार्गदर्शन और दिशा देने की, जो उन्हें नहीं मिल पाता है। इसके चलते यहां के अधिकांश युवा पुलिस भर्ती और शिक्षक भर्ती परीक्षा तक ही सीमित रहे जाते हैं। द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ जयपुर की विशषज्ञों ने युवाओं को मार्गदर्शन देने का जो प्रयास शुरू किया है, उससे बहुत लोग लाभान्वित हो रहे हैं। जो भी युवा आरएएस बनना चाहते हैं, उनके लिए सबसे अच्छा यही है कि वे यदि अभी ग्रेजुएशन कर रहे हैं तो कोर्स के साथ-साथ राजस्थान का सामान्य ज्ञान और हिंदी का भी अध्ययन करते रहें। 
इससे आरएएस प्रतियोगी परीक्षा के लिए उनकी तैयारी लगभग 50 प्रतिशत पूरी हो जाएगी। वे ऐसा कर लेते हैं तो इसके बाद उन्हें बाकी बची 50 प्रतिशत तैयारी ही करनी होगी। इससे वे अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। प्रोफ़ेसर राम लखन मीना का विशेष तौर पर मानना है कि कोई भी प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की जाए यह जरूरी नहीं है, क्योंकि कोचिंग क्लासेस दिशा दिखा सकती है, लेकिन तैयारी तो खुद को ही करनी पड़ेगी। इसलिए युवा सेल्फ स्टडी का पैटर्न अपनाएँ
प्रश्न: यदि आप अभी ग्रेजुएशन कर रहे हैं और आरएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं तो-
उत्तर: आप ग्रेजुएशन के साथ-साथ राजस्थान के सामान्य ज्ञान और हिंदी की पुस्तकों का भी अध्ययन करते रहें। इसके अलावा द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ की वेबसाइट या http://aadivasiman.blogspot.com से इस परीक्षा का सिलेबस डाउनलोड कर लें। सिलेबस के अनुसार यहाँ पर अच्छी पुस्तकों की सूची एवं अन्य सामग्री उपलब्ध करवायी गयी है उसके आधार पर पुस्तकों का भी चयन करें। इसमें आप द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ के किसी विषय विशेषज्ञ से फ्री में मार्गदर्शन ले सकते हैं। यदि आप इतना कर लेते हैं तो आरएएस परीक्षा के लिए आपकी लगभग 50 प्रतिशत तैयारी पूरी हो जाएगी।
प्रश्न: मेरी रूचि ग्रामीण विकास और ग़रीब तबके की सेवा करने में है, बीडीओ बनने के लिए जरूरी योग्यताएँ क्या हैं?
उत्तर: बीडीओ बनने का रास्ता आरएएस परीक्षा पास करने के बाद ही खुलता है। इसके लिए आपको आरएएस एग्जाम की तैयारी करनी होगी। इस परीक्षा को पास करने के बाद इसमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऑप्शन दिए जाते हैं। इसमें से आपको आरडीएस भरना होगा। इसके अलावा इस परीक्षा की शैक्षणिक व अन्य योग्यताएँ क्या होनी चाहिए, इसकी पूरी जानकारी द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ या आरपीएससी की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी।
प्रश्न: भारतीय / राजस्थान प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए रास्ता बताएँ इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: भारतीय / राजस्थान प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में जाने के लिए द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ की वेबसाइट पर यूपीएससी / आरपीएससी परीक्षाओं से संबंधित पूरी जानकारी मिल जाएगी। आईएएस / आरएएस बनने के लिए पहले तो प्रारंभिक परीक्षा पास करनी होगी। इसके लिए सबसे पहले तो इन परीक्षाओं के सिलेबस का अध्ययन करें। सिलेबस के अनुसार ही अच्छे लेखकों द्वारा लिखी गईं किताबों से परीक्षा की तैयारी करें। साथ ही साथ, कक्षा 6 से 12वीं तक की कक्षा की एनसीईआरटी की किताबों का भी अध्ययन करें। करंट अफेयर्स की जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक व प्रादेशिक स्तर के अच्छे अखबार को नियमित पढ़ने की आदत डालें। इसमें मुख्य रूप से मुख्य पृष्ठ, संपादकीय, अर्थजगत की ख़बरें व खेल पृष्ठों को ज्यादा ध्यान से पढ़ें। इसके अलावा एक रजिस्टर बनाएँ और जो भी प्रमुख घटनाएँ आदि हो रही हैं, उन्हें उसमें डेट वाइज लिखते जाएँ। इसके बाद जब भी मौका मिले आप नोट किए गए रजिस्टर में देखकर उस घटना की तारीख, समय आदि को याद रख सकेंगे।
प्रश्न: यूपीएससी / आरपीएससी परीक्षा के लिए कोचिंग कहाँ ली जाए?
उत्तर: यूपीएससी / आरपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी का पैटर्न अपनाएँ। कारण है कि कोचिंग करने का लाभ भी तब ही मिलेगा, जब आप अपना फाउंडेशन मजबूत कर लेंगे। क्योंकि यदि कोचिंग करने से ही इन परीक्षाओं में सलेक्शन हो जाता तो आज देश में प्रशासनिक अधिकारियों की भरमार हो जाती। इसलिए यदि हमारी नींव ही कमजोर होगी तो उस पर इमारत कैसे बनेगी? इस परीक्षा में पास होने के लिए इससे संबंधित सिलेबस को देखकर ही तैयारी करें। फिर भी, यदि आप कोचिंग की जरूरतों को महसूस करते हैं तो किसी अच्छे कोचिंग संस्थान से संपर्क करें द ड्रीमलैंड एकेडेमी’ जयपुर में भी संपर्क कर सकते हैं!
प्रश्न: कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनना चाहती हूँआईएएस कैसे बनूँ ?
उत्तर: कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए आप जिस विषय में सहायक प्रोफ़ेसर बनना चाहते हैं उसमें यूजीसी नेट/ जेआरएफ या राजस्थान स्लेट की परीक्षा पास करनी होगी। यदि आईएएस बनना चाहते हैं तो पहले ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करनी होगी। देश के किसी अच्छे कॉलेज में प्रवेश लें और ग्रेजुएशन के साथ-साथ किसी अच्छे इंस्टीट्यूट से आईएएस परीक्षा की भी तैयारी करें।

प्रश्न: सामान्य ज्ञान कमजोर है।
आरएएस बनना चाहता हूँ 
उत्तर: आरएएस की परीक्षा में सबसे ज्यादा प्रश्न राजस्थान से संबंधित सामान्य ज्ञान के आते हैं। सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए एनसीईआरटी की किताबों का अध्ययन करें। अध्ययन करते समय उसे एक रजिस्टर में भी लिखते जाएँ। यही क्रम बार-बार दोहराने पर सामान्य ज्ञान पर आपकी पकड़ बहुत अच्छी हो जाएगी। आरपीएससी की वर्तमान परीक्षण-प्रक्रिया एवं नवीन-पैटर्न के साथ उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्धी-ज्ञान और अद्यतन शोध-आधारित सामग्री एवं प्रत्येक विषय के स्कॉलर्स द्वारा तैयार अध्ययन सामग्रियों को पढ़ें। इसके साथ ही राजस्थान की ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी से संबंधित पुराने प्रश्न पत्रों का भी अध्ययन करें। इसका फायदा यह होगा कि आपको यह समझने में आसानी होगी कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। गाइड का सहारा नहीं लें और रटने की आदत को भी छोड़ दें।

Sunday 26 April 2020

आरएएस प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति हेतु ‘द ड्रीमलैंड अकैडमी’ के महत्वपूर्ण टिप्स


आरएएस प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति हेतु ‘द ड्रीमलैंड अकैडमी’ के महत्वपूर्ण टिप्स
 आरएएस  प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति
  • द ड्रीमलैंड अकैडमीमें राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की कोचिंग्स के लिए प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति पर चर्चा करेंगे। ध्यातव्य है कि राजस्थान राज्य सेवा परीक्षा सामान्यत: तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार) में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रत्येक अगले चरण में पहुँचने के लिये उससे पूर्व के चरण में सफल होना आवश्यक है।  
  • विगत 5 से 10 वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करें और उन बिंदुओं तथा शीर्षकों पर ज्यादा ध्यान दें जिससे विगत वर्षों में प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति ज्यादा रही है।  
  • प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययनके पाठ्यक्रम में सामान्य विज्ञान एवं पर्यावरण, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की वर्तमान घटनाएँ, भारत का इतिहास एवं स्वतंत्र भारत, भारत का भूगोल एवं विश्व की सामान्य भौगोलिक जानकारी, भारतीय राजनीति एवं अर्थव्यवस्था, खेलकूद, मध्य प्रदेश का भूगोल, इतिहास एवं संस्कृति, मध्य प्रदेश की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तथा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक संवैधानिक/ सांविधिक संस्थाए सम्मिलित हैं। इसकी विस्तृत जानकारी पाठ्यक्रमशीर्षक में दी गई है।
  •  इस परीक्षा के पाठ्यक्रम और विगत वर्षों में पूछे गये प्रश्नों की प्रकृति का सुक्ष्म अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि इसके कुछ खण्डों की गहरी अवधारणात्मक एवं तथ्यात्मक जानकारी अनिवार्य है। जैसे- गदर पार्टीकी स्थापना किसने की थी?  कंप्यूटर के किस भाग में स्मृतियों का संकलन होता है? राजस्थान की संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू कौन-कौनसे है? इत्यादि। 
  • इन प्रश्नों को याद रखने और हल करने का सबसे आसान तरीका है कि विषय की तथ्यात्मक जानकारी से संबंधित  संक्षिप्त नोट्स बना लिया जाए और उसका नियमित अध्ययन किया जाए जैसेएक प्रश्न पूछा गया कि भारतीय संविधान में संघवादकी अवधारणा किस देश से ली गई है? तो आप को भारतीय संविधान में विभिन्न देशों से ली गई प्रमुख अवधारणाओं की एक लिस्ट तैयार कर लेनी चाहिये । 
  • इस परीक्षा में पूछे जाने वाले विभिन्न अधिनियमों तथा संस्थाओं इत्यादि से संबंधित  प्रश्नों के लिये भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित भारत’ (इण्डिया इयर बुक) का बाज़ार में उपलब्ध संक्षिप्त विवरण तथा दृष्टि वेबसाइट पर उपलब्ध संबंधित  पाठ्य सामग्री एवं इंटरनेट की सहायता ली जा सकती है। 
  •  इस परीक्षा में खेल कूद, कंप्यूटर, समसामयिक घटनाओं एवं राज्य विशेष से पूछे जाने वाले प्रश्नों की आवृति ज्यादा होती है, अत: इनका नियमित रूप से गंभीर अध्ययन करना चाहिये। 
  • विज्ञानएवं कंप्यूटरआधारित प्रश्नों को हल करने के लिये सामान्य विज्ञान-लूसेंटकी किताब सहायक हो सकती है। साथ ही दृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मानक मासिक पत्रिका दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडेके विज्ञान विशेषांकका अध्ययन करना अभ्यर्थियों के लिये लाभदायक रहेगा।   
  • समसामयिक घटनाओंएवं खेलकूदके प्रश्नों की प्रकृति और संख्या को ध्यान में रखते हुए आप नियमित रूप से किसी दैनिक अख़बार जैसे- द हिन्दू, जनसत्ता, हिंदुस्तान, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण) इत्यादि के साथ-साथ दृष्टि वेबसाइट पर उपलब्ध करेंट अफेयर्स के बिन्दुओं का अध्ययन कर सकते हैं। इसके अलावा द ड्रीमलैंड अकैडमीद्वारा तैयार की गयी सामग्रियों में भाषिकी करेंट अफेयर्स टुडे’  का अध्ययन करना लाभदायक सिद्ध होगा। 
  • राज्य विशेष से संबंधित  प्रश्नों को हल करने में राजस्थान सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक राजस्थान राज्य विशेषया बाजार में उपलब्ध किसी मानक राज्य स्तरीय पुस्तक का अध्ययन करना लाभदायक रहेगा।  
  •  द्वितीय प्रश्नपत्र सामान्य अभिरुचि परीक्षण’ (सीसैट) केवल क्वालिफाइंग होता है। इसमें प्रश्नों की प्रकृति मैट्रिक स्तर की होती है। इसकी विस्तृत जानकारी पाठ्यक्रमशीर्षक में दी गई है। 
  •  सामान्य मानसिक योग्यता से संबंधित  प्रश्नों का अभ्यास पूर्व में पूछे गए प्रश्नों को विभिन्न खंडों में वर्गीकृत करके किया जा सकता है। 
  • आरपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान होने के कारण किसी भी गलत प्रश्न का उत्तर  न देंवे  और इसलिए शेष बचे हुए प्रश्नों को अनुमान के आधार पर हल करने का प्रयास कदापि ना करें। 
  • प्रारंभिक परीक्षा तिथि से सामान्यत: 15-20 दिन पूर्व द ड्रीमलैंड अकैडमीप्रैक्टिस पेपर्स एवं विगत वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों  को निर्धारित समय सीमा (सामान्यत: दो घंटे) के अंदर हल करने का प्रयास करना लाभदायक होता है। इन प्रश्नों को हल करने से जहाँ विषय की समझ विकसित होती है, वहीं इन परीक्षाओं में दोहराव (रिपीट) वाले प्रश्नों को हल करना आसान हो जाता है। 
आरएएस के लिए प्रारंभिक(प्री) परीक्षा पैटर्न
आरएएस की लिखित परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होते हैं। आरपीएससी आरएएस प्री परीक्षा में सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान विषय होते हैं। यह एक वस्तुनिष्ठ प्रकार का पेपर है और 200 अंक रखता है। पेपर मानक बैचलर डिग्री स्तर का है। पेपर की समयावधि 3 घंटे की है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाते हैं। 150 प्रश्न उपलब्ध हैं जो बहुविकल्पी (ऑब्जेक्टिव टाइप) के आते हैं।
पेपर                         -    (एक)
विषय                       :    सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान
प्रश्नों की संख्या             :    150
कुल मार्क्स                 :    200
समय अवधि               :    3 घण्टा

आरएएस के लिए प्रारंभिक(प्री) परीक्षा के लिए सलेब्स
1)  राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत
  •  राजस्थान के इतिहास की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँए प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक व राजस्व व्यवस्था। सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे
  •  स्वतंत्रता आन्दोलन, जनजागरण व राजनीतिक एकीकरण
  •  स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताएँ- किले एवं स्मारक
  •  कलाएँ, चित्रकलाएँ और हस्तशिल्प
  •  राजस्थानी साहित्य की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ, क्षेत्रीय बोलियाँ
  •  मेले, त्यौहार, लोक संगीत एवं लोक नृत्य
  •  राजस्थानी संस्कृति, परम्परा एवं विरासत
  •  राजस्थान के धार्मिक आन्दोलन, संत एवं लोक देवता
  •  महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल
  •  राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व भारत का इतिहास प्राचीनकाल एवं मध्यकाल  
  • प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ
  • कला, संस्कृति, साहित्य एवं स्थापत्य
  •  प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था।
2) सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे, प्रमुख आन्दोलन आधुनिक काल -
  • आधुनिक भारत का इतिहास (18वीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान तक) - प्रमुख घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं मुद्दे
  •  स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन- विभिन्न अवस्थाएँ, इनमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के योगदानकर्ता एवं उनका योगदान
  •  19वीं एवं 20वीं शताब्दी में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन
  • स्वातंत्र्योत्तर काल में राष्ट्रीय एकीकरण एवं पुनर्गठन विश्व एवं भारत का भूगोल
3) विश्व का भूगोल -
  •  प्रमुख भौतिक विशेषताएँ
  • पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मुद्दे
  • वन्य जीव-जन्तु एवं जैव-विविधता
  • अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग
  •  प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र भारत का भूगोल  
  •  प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाजन
  • कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियाँ
  • खनिज-लोहा, मैगनीज, कोयला, खनिज तेल और गैस, आणविक खनिज
  • प्रमुख उद्योग एवं औद्योगिक विकास
  • परिवहन - मुख्य परिवहन मार्ग
  •  प्राकृतिक संसाधन
  • पर्यावरणीय समस्याएँ तथा पारिस्थितिकीय मुद्दे
4) राजस्थान का भूगोल
  •  प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाग
  •  राजस्थान के प्राकृतिक संसाधन
  •  जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन, वन्य जीव-जन्तु एवं जैव-विविधता
  •  प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ
  • खान एवं खनिज सम्पदाएँ
  •  जनसंख्या
  •  प्रमुख उद्योग एवं औैद्योगिक विकास की सम्भावनाएँ
5) भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली संवैधानिक विकास एवं भारतीय संविधानः-
  • भारतीय शासन अधिनियम- 1919 एवं 1935,
  •  संविधान सभा,
  •  भारतीय संविधान की प्रकृति,
  •  प्रस्तावना (उद्देशिका), मौलिक अधिकार,
  • राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत, मौलिक कर्तव्य,
  •  संघीय ढांचा, संवैधानिक संशोधन,
  • ·आपातकालीन प्रावधान, जनहित याचिका और न्यायिक पुनरावलोकन।
6) भारतीय राजनीतिक व्यवस्था एवं शासनः-
  • भारत राज्य की प्रकृति, भारत में लोकतंत्र, राज्यों का पुनर्गठन, गठबंधन सरकारें, राजनीतिक दल, राष्ट्रीय एकीकरण
  • संघीय एवं राज्य कार्यपालिका, संघीय एवं राज्य विधान मण्डल, न्यायपालिका
  •  राष्टंपति, संसद, सर्वोच्च न्यायालय, निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, मुख्य सर्तकता आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल एवं राष्टींय मानवाधिकार आयोग
  •  स्थानीय स्वायत्त शासन एवं पंचायती राज लोक नीति एवं अधिकार  
  • लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में राष्ट्रीय लोकनीति
  •  विभिन्न विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था
  •  राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा, उच्च न्यायालय, राजस्थान लोक सेवा आयोग, जिला प्रशासन, राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सूचना आयोग
  •  लोक नीति, विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र अर्थशास्त्रीय अवधारणाएँ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था
7) अर्थशास्त्र के मूलभूत सिद्धान्त -
  • बजट निर्माण, बैंकिंग, लोक-वित्त, राष्ट्रीय आय, संवृद्धि एवं विकास का आधारभूत ज्ञान
  •  लेखांकन - अवधारणा, उपकरण एवं प्रशासन में उपयोग
  •  स्टॉक एक्सचेंज एवं शेयर बाजार
  •  राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियाँ
  •  सब्सिडी, लोक वितरण प्रणाली
  •  ई-कॉमर्स
  • मुद्रास्फीति- अवधारणा, प्रभाव एवं नियंत्रण तंत्र र्आिर्थक विकास एवं आयोजन -
  •  पंचवर्षीय योजना -लक्ष्य, रणनीति एवं उपलब्धियाँ
  •  अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र - कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार, वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल
  • प्रमुख आर्थिक समस्याएं एवं सरकार की पहल, आर्थिक सुधार एवं उदारीकरण
8) मानव संसाधन एवं आर्थिक विकास -
  • मानव विकास सूचकांक
  •  गरीबी एवं बेरोजगारी-अवधारणा, प्रकार, कारण, निदानएवं वर्तमान फ्लेगशिप योजनाएँ
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता-कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान राजस्थान की अर्थव्यवस्था
  • अर्थव्यवस्था का वृहत परिदृश्य
  • कृषि, उद्योग व सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
  • संवृद्धि, विकास एवं आयोजना
  • आधारभूत-संरचना एवं संसाधन
  • प्रमुख विकास परियोजनायें
  •  कार्यक्रम एवं योजनाएँ- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग, अल्पसंख्यकों, निःशक्तजनों, निराश्रितों, महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों, कृषकों एवं श्रमिकों के लिए राजकीय कल्याणकारी योजनाएँ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
  •  विज्ञान के सामान्य आधारभूत तत्व
  • इलेक्ट्रोनिक, कम्प्यूटर्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
  • उपग्रह एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
  •  रक्षा प्रौद्योगिकी
  • नैनो-प्रौद्योगिकी
  •  मानव शरीर, आहार एवं पोषण, स्वास्थ्य देखभाल
  •  पर्यावरणीय एवं पारिस्थिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव
  •  जैव-विविधता, जैव-प्रौद्योगिकी एवं अनुवांशिकीय-अभियाँत्रिकी
  •  राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी एवं पशुपालन
  •  राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता तार्किक दक्षता ( निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक) -
  • कथन एवं मान्यताएँ, कथन एवं तर्क, कथन एवं निष्कर्ष, कथन-कार्यवाही
  • विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता मानसिक योग्यता -
  •  संख्या श्रेणी, अक्षर श्रेणी, बेमेल छांटना, कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग), संबंधों, आकृतियों एवं उनके उपविभाजन से जुडी समस्याएँ आधारभूत संख्यात्मक दक्षताः-
  • गणितीय एवं सांख्यकीय विश्लेषण का प्रारम्भिक ज्ञान
  • संख्या से जुडी समस्याएँ व परिमाण का क्रम, अनुपात तथा समानुपात, प्रतिशत, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज, आंकडों का विश्लेषण (सारणी, दण्ड-आरेख, रेखाचित्र, पाई-चार्ट) समसामयिक घटनाएँ
· 9) राजस्थान राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएँ एवं मुद्दे
  • वर्तमान में चर्चित व्यक्ति एवं स्थान
  •  खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियाँ