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Wednesday 24 May 2017

भाषिकी के 67वें अंक (शोधार्थी विशेषांक) के लिए आलेख-आमंत्रण !!

भाषिकी के 67वें अंक (शोधार्थी विशेषांक) के लिए आलेख-आमंत्रण !!
भाषिकी के 67वें अंक (शोधार्थी विशेषांक) के अतिथि संपादक महेंद्र जाट राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर और सुनील कुमावत राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर होंगे.. सभी आलेख <skumawat903@gmail.com>, <mahendrajaat943@gmail.com>, <prof.ramlakhan@gmail.com>पर भेजे
भाषिकी ISSN 2454-4388: भाषा, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान,शिक्षा-अध्ययन, अनुवाद, मीडिया तथा साहित्य-विश्लेषण की संदर्भ अनुशंसित अंतरराष्ट्रीय रिसर्च त्रैमासिक संवाहिका है जो पिछले 16 वर्षों से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है जिसमें भाषा एवं आधुनिक भारतीय भाषाओं की बालियों और उसके व्याकरण संबंधी पहलू ,भाषा-भूगोल, भाषाविज्ञान, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, मीडिया-अध्ययन, अनुवाद-अध्ययन,शिक्षा-अध्ययन, सांस्कृतिक-अध्ययन, तुलनात्मक-साहित्य, विशेषज्ञों द्वारा नव प्रकाशित पुस्तकों की समीक्षा, साहित्यिक आलोचना, साहित्यिक-विश्लेषण इत्यादि सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों एवं प्रासंगिक विषयों के शोध-पत्र प्रकाशित आमंत्रित किए जाते हैं।
‘भाषिकी’ वैज्ञानिक इंडेक्सिंग सर्विसेज (एसआईएस), यूनिवर्सल इंपैक्ट फैक्टर (यूआईएफ), डायरेक्टरी ऑफ रिसर्च जर्नल इंडेक्सिंग (डीआरजेआई), शैक्षणिक संसाधन सूचकांक और अन्य बहुत से अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय रिसर्च-जर्नल्स की इंडेक्सिंग में शामिल है ।
भाषिकी रिसर्च संवाहिका पूरी तरह अवैतनिक और अव्यावसायिक है जिसका प्राथमिक और मौलिक उददेश्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों के अद्यतन रिसर्च-कार्यों को वैश्विक स्तर पर ले जाना है । भाषिकी के प्रकाशन में सदैव अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों को ध्यान में रखा गया है ।
यह रिसर्च जर्नल द्विभाषी प्रारूप (हिंदी-अंग्रेजी, अंग्रेजी-हिंदी) में छपती है । यह रिसर्च-जर्नल केवल प्रिंट संस्करण पर उपलब्ध है और अपने लेखकों के लिए यह ऑनलाइन उपलब्ध है एवं वर्तमान अंकों को ऑनलाइन देखा जा सकता है ।
शोध-आलेख लेखकों को अपने स्व-लिखित आलेखों की संक्षिप्ति (ABSTRACT) हिंदी और अंग्रेजी में vice-a-varsa ( हिंदी आलेख का अंग्रेजी और अंग्रेजी का हिंदी में ) भेजने का प्रयास करना होगा । प्रकाश्य आलेख के साथ संपादक के नाम अनापत्ति प्रमाण अनिवार्यत: भेजना पड़ेगा ।
प्रत्येक अंक के लेखकों को रिव्यू पैनल की अनुशंषा के अनुरूप उचित मानदेय देय होगा । शोध-आलेख प्रकाशन से पूर्व संबंधित लेखकों को भाषिकी रिसर्च संवाहिका की कोई एक सदस्यता अनिवार्य रूप से लेना जरूरी होगा ।
लेखकों द्वारा प्रेषित सभी आलेख मौलिक होने चाहिए और अन्यत्र प्रकाशन के लिए विचाराधीन नहीं हो ।
प्रधान संपादक :भाषिकी